विजयदशमी ....जश्न जलाने का
जलते रावण में हम या हममें जलता रावण, विजयदशमी जश्न का नाम है विजयदशमी, जीत है अच्छाई की, जीत है सच्चाई की जीत है विजय की हर भाव पर जो पैदा करता है द्वेष, नफरत, घृणा, और बैर, बैर इंसानो का इंसान से प्यार का प्यार से दुआ का दुआओ से, सच में त्योहार मनाने में रावण नही जलाना चाहिए खुद के बैर को, खुद के विकार को, खुद के अंदर सवार उस कुसुरवार को, जो हमको इंसान बाद में, अपने धर्म, जाति, लिंग से अभिप्राय कराता है। त्योहार का क्या वो तो आयेगा और जाएगा हर साल पर जलाने का महत्व है क्योंकि एक भी विकार नफरत द्वेष अगर जल गया हमारे मन से, एक भी अच्छाई अगर जीत गई अपने दम से, तो सिर्फ प्यार ही बचेगा जश्न बनाने को सिर्फ नफरत और घृणा ही बचेगी जलाने को। विजयदशमी की सबको हार्दिक बधाई। Malin